सिक्किम में जल प्रलय से 34 लोगों की हुई मौत , 105 लोग अभी तक लापता

एएनआई।  सिक्किम के ल्होनक ग्लेशियर में 3 अक्टूबर को बादल फट गया। अचानक बादल फटने के कारण झील का एक किनारा टूट गया, जिससे तीस्ता में जल स्तर बढ़ गया और राज्य के कई इलाके जलमग्न हो गए। देखते ही देखते यह प्राकृतिक संकट आपदा का रूप ले लिया। सिक्किम के इस जल प्रलय में कई लोगों की जान गई है कई लोग अब भी लापता चल रहे हैं। सिक्किम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसएसडीएमए) की 9 अक्टूबर की सुबह 10:00 बजे की रिपोर्ट के अनुसार, मरने वालों की संख्या 34 दर्ज की गई थी। इसमें आगे कहा गया है कि 105 लापता बताए गए हैं।

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वहीं 8 अक्टूबर को कुल 33 लोगों की मौत और 105 लोगों के लापता होने की सूचना मिली थी। भारतीय सेना के अनुसार, इससे पहले आज, सेना के हेलीकॉप्टर द्वारा लाचेन से निकाले गए पर्यटकों के पहले बैच का मंगन जिले के रिंगिम हेलीपैड पर स्वागत किया गया।

भारतीय सेना ने बाढ़ के कुछ दिनों बाद भी सिक्किम के लाचुंग में फंसे पर्यटकों को चिकित्सा देखभाल, भोजन और संचार प्रदान करके अपनी सहायता जारी रखी। भारतीय सेना की त्रिशक्ति कोर ने 63 विदेशी नागरिकों और स्थानीय लोगों सहित 1,700 से अधिक फंसे हुए पर्यटकों को सहायता जारी रखी।
 
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने किया राज्य का दौरा 

इससे पहले दिन में, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और सिक्किम के मंगन में एक राहत शिविर में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की।

बाढ़ की स्थिति पर अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम के साथ बैठक में सिक्किम के मुख्य सचिव वीबी पाठक ने कहा कि अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) यहां है। संयुक्त सचिव-गृह इसका नेतृत्व कर रहे हैं। हमने उनके साथ एक बैठक किया था। हम उन्हें स्थिति के आकलन के लिए ग्राउन्ड पर भेज रहे हैं। वे अभी गंगटोक, पाकयोंग और नामची के क्षेत्र को कवर करेंगे। बचाव अभियान के लिए आज मौसम अच्छा है।

 

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