चारधाम यात्रा- तय क्षमता से ज्यादा रजिस्ट्रेशन पर पर्यटन विभाग ने लगायी पाबंदी, पोर्टल पर शुरू हुआ नियम

चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन की लिमिट तय  

उत्तराखंड मे चारधाम दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या लगतार बढ़ती ही जा रही है। दिन-ब-दिन बढ़ती भीड़ को रोकने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने रजिस्ट्रेशन की लिमिट तय कर दी है। अब चार धाम दर्शन में आने वाले लोगों को रजिस्ट्रेशन के लिए इंतजार करना होगा। पर्यटन विभाग के पोर्टल पर एक दिन के रजिस्ट्रेशन की लिमिट तय।


उत्तराखंड के लिए चारधाम यात्रा किसी उत्सव से कम नहीं। जिसमे दूसरे राज्यों के साथ-साथ देश-विदेश से लोग यात्रा में शामिल होने आते हैं। परंतु पहाड़ी राज्य और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के बीच शासन प्रशासन को यात्रियों के लिए व्यवस्थाए जुटाने मे खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

पर्यटन विभाग ने रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर प्रतिदिन लोगों की संख्या के रजिस्ट्रेशन नियम को लागू कर दिया है। नियम के अनुसार तय क्षमता के हिसाब से रजिस्ट्रेशन फूल होने पर श्रद्धालु अगली डेट पर ही चारधाम के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।


पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि सरकार ने केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री,यमनोत्री की वहन क्षमता को देखते हुए दर्शन के लिए प्रतिदिन के हिसाब से श्रद्धालुओं की संख्या तय कर दी है।

उन्होंने बताया कि अब रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए सॉफ्टवेयर को तय क्षमता के हिसाब से डिजाइन किया गया है। जिन तारीखों पर निर्धारित सीमा तक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। उसके बाद उस पर और अधिक रजिस्ट्रेशन नही किये जायेंगे। श्रद्धालुओं को अगली रजिस्ट्रेशन तारीख तक इंतजार करना होगा।

भूस्खलन एक समस्या

उत्तराखंड में भूस्खलन की घटनाएं आय दिन होती रहती हैं। जिसके चलते जगह-जगह जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। चारधाम के मार्गो पर भूस्खलन के कारण आम आदमियों और श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य

पर्यटन विभाग की वेबसाइट
Registrationandtouristcare.uk.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करवाये बगैर कोई भी श्रद्धालु नही कर पायेगा चारधाम के दर्शन।

तय संख्या

उत्तराखंड सरकार ने चारधामों के लिए यात्रियों की प्रतिदिन संख्या निर्धारित की है।  जिसके अंतर्गत केदारनाथ के लिए 13 हजार,बदरीनाथ के लिए 16 हजार, गंगोत्री के लिए आठ हजार और यमनोत्री के लिए 5000 संख्या तय की है।

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