भारत आकर व्यक्त की खुशी, ऋषि सुनक ने एफटीए पर रखी राय; बोले- एक अच्छा समझौता होना बाकी है, लेकिन व्यापार समझौते में हमेशा वक्त लगता है

एएनआई। भारत की राजधानी दिल्ली जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए पूर्णत: तैयार है। इसी बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक शनिवार से शुरू हो रहे जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली पहुंचे। इस दौरान उन्होंने भारत आने पर खुशी व्यक्त की।

समाचार एजेंसी एएनआई के साथ इंटरव्यू में ऋषि सुनक ने भारत के साथ रिश्तों, एफटीए, रूस-यूक्रेन युद्ध सहित कई मुद्दों पर विस्तृत बातचीत की। उन्होंने जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए भारत को एकदम उपयु्क्त देश बताया। इंटरव्यू के दौरान उन्होंने खुद को गौरवान्वित हिंदू बताया और भारत यात्रा के दौरान एक मंदिर में जाकर दर्शन करने की बात कही।

मुझे हिंदू होने पर गर्व है’

ऋषि सुनक ने बताया कि मैं एक गौरवान्वित हिंदू हूं और मेरी परवरिश भी इसी तरह से हुई है। उन्होंने रक्षाबंधन का त्योहार भी मनाया। उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन के दिन मेरी बहनों ने मुझे राखी बांधी थी। हालांकि, मेरे पास दूसरे दिन ठीक से जन्माष्टमी मनाने का वक्त नहीं था, लेकिन मंदिर जाकर मैं इसकी भरपाई कर सकूंगा। उन्होंने आगे कहा,

“मेरा मानना है कि आस्था एक ऐसी चीज है, जो हर उस व्यक्ति की मदद करती है, जो अपने जीवन में आस्था रखता है।”

मुक्त व्यापार समझौता

इसी बीच ऋषि सुनक ने कहा कि भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध अच्छी स्थिति में हैं और प्रधानमंत्री मोदी और मैं हमारे संबंधों को गहरा और व्यापक बनाने के इच्छुक हैं।

ऋषि सुनक ने भारत के साथ चल रही एफटीए पर चर्चा को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मैं दोनों देशों के बीच एक व्यापक और महत्वाकांक्षी व्यापार समझौते को पूरा होते हुए देखने के इच्छुक हैं। हम दोनों का मानना है कि एक अच्छा समझौता होना बाकी है, लेकिन व्यापार समझौते में हमेशा वक्त लगता है।

#WATCH | G20 in India: On the roadmap for India-UK relations, UK PM Rishi Sunak to ANI says, “I think the bilateral relationship is in good health and Prime Minister Modi and I are keen to deepen and broaden our relationship. The FTA is an obvious way for us to do that, which is… pic.twitter.com/fSELg4t8nK— ANI (@ANI) September 8, 2023

रूस-यूक्रेन युद्ध

ऋषि सुनक ने रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत के रुख को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यह मेरा काम नहीं है कि मैं भारत को अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर क्या रुख अख्तियार करना चाहिए यह बताऊं। उन्होंने कहा,

“मुझे यह पता है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून और क्षेत्रीय अखंडता की परवाह करने वाला देश है। ये ऐसे सार्वभौमिक मूल्य हैं जिन्हें हम सभी साझा करते हैं। ये वे चीजें हैं जिन पर मैं विश्वास करता हूं और यह जानता हूं कि भारत भी उन चीजों में विश्वास रखता है।”

 

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