संसद के विशेष सत्र से पहले सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक 

पीटीआई। संसद के आगामी विशेष सत्र से पहले सरकार ने रविवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में पांच दिवसीय विशेष सत्र के बारे में सरकार सभी दलों के नेताओं को जानकारी देगी और उनके साथ विचार-विमर्श करेगी।
 
सियासत गर्मायी

बता दें कि विशेष सत्र के एजेंडे को लेकर सियासत गर्मायी हुई है और इस बात पर जमकर चर्चा हो रही है कि सरकार कोई चौंका देने वाला प्रस्ताव पेश कर सकती है। हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पांच दिवसीय सत्र में कौन-कौन से विधेयकों पर चर्चा होगी।

  • सोमवार से शुरू होने वाले सत्र ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है, भले ही सूचीबद्ध एजेंडे में संविधान सभा से शुरू होने वाली संसद की 75 वर्षों की यात्रा पर एक विशेष चर्चा होगी।
  • सरकार के एजेंडे में मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर विधेयक को भी सूचीबद्ध किया गया है। यह विधेयक पिछले मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया गया था।

हालांकि, सरकार को संसद में कुछ नए कानून या अन्य आइटम पेश करने का विशेषाधिकार भी प्राप्त है और यह सूचीबद्ध एजेंडे का हिस्सा नहीं हो सकते हैं, लेकिन किसी भी संभावित नए कानून पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। परंतु लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिला आरक्षण सुनिश्चित करने वाले विधेयक पर थोड़ी बहुत चर्चा जरूर हुई है।

जी-20 शिखर सम्मेलन

भारत की अध्यक्षता में राष्ट्रीय राजधानी स्थित ‘भारत मंडपम’ में जी-20 शिखर सम्मेलन का सफल आयोजन हुआ। ऐसे में सत्ता पक्ष के बीच जी-20 शिखर सम्मेलन का मुद्दा चर्चा के केंद्र में रहने वाला है।

संसद सत्र

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सत्र का एलान करते हुए इसे ‘विशेष सत्र’ बताया था, लेकिन सरकार ने बाद में इसे नियमित सत्र करार दिया था। आमतौर पर संसद का हर साल बजट, मानसून और शीतकालीन सत्र आयोजित होता है। जुलाई-अगस्त में मानसून सत्र, जबकि नवंबर-दिसंबर में शीतकालीन सत्र का आयोजन होता है। वहीं, हर साल जनवरी के अंत में बजट सत्र की शुरुआत होती है।

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