बंगाल सरकार के असहयोग के कारण देशप्राण-नंदीग्राम नई रेल लाइन परियोजना लंबित, रेल मंत्री ने बंगाल सरकार पर साधा निशाना

पीटीआई। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को लोकसभा को बताया कि बंगाल सरकार के असहयोग के कारण 17-किलोमीटर लंबी देशप्राण-नंदीग्राम नई रेल लाइन परियोजना लंबित थी और अब अप्रैल 2023 में इसका काम शुरू किया जा सका है। वैष्णव ने तृणमूल कांग्रेस सांसद दिब्येंदु अधिकारी के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि देशप्राण-नंदीग्राम नई लाइन परियोजना को 2009-10 में मंजूरी दी गई थी। राज्य सरकार से सहयोग न मिल पाने के कारण परियोजना लंबित थी। क्षेत्र की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अप्रैल, 2023 में फिर से इसका काम शुरू किया गया है।

निर्माण की 50 प्रतिशत लागत को मुफ्त में उपलब्ध कराएं

नांदेड़-बीदर नई रेलवे लाइन परियोजना के लिए केंद्र ने राज्यों से मांगी जमीनरेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में कहा कि महाराष्ट्र और कर्नाटक से 155 किलोमीटर लंबी नांदेड़-बीदर परियोजना की आधी लागत वहन करने और मुफ्त जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। भाजपा सांसद प्रताप गोविंदराव चिखलीकर पाटिल ने मंत्री से नांदेड़-बीदर नई रेलवे लाइन बिछाने में देरी के कारण और इसके बिछाने पर होने वाले संभावित खर्च के बारे में बताने को कहा था। वैष्णव ने एक लिखित उत्तर में कहा कि चूंकि परियोजना में कम यातायात का अनुमान है, इसलिए महाराष्ट्र और कर्नाटक सरकार से अनुरोध किया गया है कि वे संबंधित राज्यों में आने वाली परियोजना के निर्माण की 50 प्रतिशत लागत को मुफ्त में उपलब्ध कराएं। हालांकि, उनकी सहमति का इंतजार है।

नई लाइनें बिछाने की योजना को नहीं बढ़ाया जा सका आगे

पांवटा साहिब से काला अंब तक रेल लिंक योजना स्थगितरेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक लिखित उत्तर में लोकसभा में कहा कि एक सर्वेक्षण में खराब यातायात अनुमान दिखाए जाने के बाद हिमाचल प्रदेश में पांवटा साहिब और काला अंब के लिए नई लाइनें बिछाने की योजना को आगे नहीं बढ़ाया गया। भाजपा सांसद सुरेश कुमार कश्यप ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में पांवटा साहिब और काला अंब महत्वपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र हैं। लंबे समय से मांग के बावजूद यह इलाका रेल नेटवर्क से नहीं जुड़ पाया है। कश्यप जानना चाहते थे कि इस संबंध में क्या प्रगति हुई है और कब तक इन क्षेत्रों के रेल से जुड़ने की संभावना है।

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