भारतीय वायुसेना सुखोई-30 विमानों का सेवाकाल 20 से अधिक वर्ष बढ़ाने की बना रही योजना

एएनआई। भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) रूस से खरीदे गए अपने सुखोई-30 एमकेआई युद्धक विमानों (Su-30MKI Fighter Jet) का सेवाकाल 20 से अधिक वर्ष बढ़ाने की योजना बना रही है। इन विमानों को करीब दो दशक पहले भारतीय वायुसेना में शामिल करना प्रारंभ किया गया था और इस समय उसके बेड़े में दो इंजन वाले ऐसे 272 विमान हैं। सेवाकाल बढ़ने के बाद अगले 20-25 वर्षों तक ये विमान वायुसेना का मुख्य आधार बने रहेंगे।

क्या कुछ बोले रक्षा अधिकारी?

रक्षा अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायुसेना अपने विमानों का सेवाकाल बढ़ाने के लिए एयरफ्रेम एवं विमान के अन्य हिस्सों पर व्यापक परीक्षण करती है और ऐसा करना का उसके पास अनुभव भी है। वायुसेना स्वदेशी अत्याधुनिक रडारों, वैमानिकी एवं हथियार प्रणालियों से सुजज्जित करके इन विमानों की क्षमताओं को बढ़ाने पर भी काम कर रही है।

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उन्होंने बताया कि स्वदेशी विरुपाक्ष रडार को वायुसेना की विभिन्न सेक्टरों में जरूरतों के मुताबिक विकसित किया जा रहा है और यह दुनियाभर में उपयोग में लाए जा रहे सुखोई-30 विमानों के सभी वैरिएंट का सबसे आधुनिक रडार होगा।

मिशन मोड पर वायुसेना

सूत्रों के मुताबिक, वायुसेना उपकरणों को स्वदेशी बनाने के लिए मिशन मोड पर काम कर रही है और निकट भविष्ट में भारतीय कंपनियों से तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के उपकरणों खरीदने पर विचार कर रही है। सनद रहे कि Su-30MKI लड़ाकू विमान हवा से हवा पर वार करने वाली एस्ट्रा एमके-1 मिसाइल के साथ ब्रम्होस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस है।

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