भूकंप रेखा से 30 मीटर की दूरी पर सभी निर्माण कार्यों पर लगी रोक

उत्तराखंड शासन द्वारा राजधानी देहरादून में भूकंप के खतरे को देखते हुए अब भूकंप रेखा से 30 मीटर तक निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई है। जिसमें दून मास्टर प्लान में फ्रंटलाइन एरिया को चिन्हित कर निर्माण को रोकने की पैरोकारी की गई है। जिस पर अब शासन द्वारा भी मोहर लगा दी गई है।

शासन ने प्रस्ताव पर लगाई मोहर

मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा राजधानी देहरादून में नए डिजिटल मास्टर प्लान के तहत दून से गुजर रही भूकंप रेखा से 50 मीटर दूरी तक भवनों के निर्माण पर पाबंदी लगाई गई है। हालंकि शासन द्वारा इस दूरी को काम करते हुए 30 मीटर पर अपनी सहमति दी गई है। दरअसल देहरादून भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है। यहां पर राजपुर रोड, सहस्त्रधारा और शहंशाही आश्रम से मेन बाउंड्री थ्रस्ट फाल्ट लाइन और मोहंड के आसपास के इलाकों से हिमालयन फ्रंट थ्रस्ट फाल्ट लाइन गुजरती है| जिस वजह से इसके आसपास के इलाकों में हमेशा ही भूकंप का ख़तरा बना रहता है। ऐसे में यह पहला अवसर है जब दून के मास्टर प्लान में फ्रंटलाइन एरिया को चिन्हित कर निर्माण को रोकने पर रोक लगा दी गई है। बता दें कि दून घाटी में 29 अन्य भूकंपीय फॉल्ट लाइन भी है जहां पर बने मकान पर भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है। जिसको देखते हुए पहली बार एमडीडीए ने फॉल्ट लाइन प्रभावित क्षेत्रों में निर्माण को रोकने की तैयारी की है। इन इलाकों में भूकंप रेखा के चारों तरफ 30 मीटर तक निर्माण नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा निकटवर्ती क्षेत्रों में बहुमंजिला भवन बनाने पर भी रोक रहेगी।

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दून में यहां से गुजरती है भूकंप लाइन
देहरादून भूकंप (Earthquake) के नजरिए से बेहद संवेदनशील है। वैज्ञानिकों के मुताबिक राजधानी दून के राजपुर रोड, सहस्त्रधारा और शहंशाही आश्रम से मेन बाउंड्री थ्रस्ट फॉल्ट लाइन और मोहंड के आसपास के इलाके से हिमालयन फ्रंट थ्रस्ट फॉल्ट लाइन गुजरती है।
 
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दून में राजपुर रोड, सहस्त्रधारा व शहंशाही आश्रम से मेन बाउंड्री थ्रस्ट फॉल्ट लाइन और मोहंड के आसपास के इलाके से हिमालयन फ्रंट थ्रस्ट फॉल्ट लाइन गुजरती है। दून में करीब 29 अन्य भूकंपीय फॉल्ट लाइन भी हैं। इन इलाकों में बने मकानों पर भूकंप का काफी खतरा है। इसी लिए भूकंप लाइन के 30 मीटर दूरी तक निर्माण पर रोक लगाने का प्रस्ताव पास हुआ
 
अधिकतम तीन मंजिला इमारतें बन सकेंगी
दून में मुख्य भूकंप रेखा के अलावा विभिन्न क्षेत्रों से 29 अन्य भूकंप फॉल्ट लाइन भी हैं। लिहाजा निर्माण के लिए 30 मीटर दूरी वाला नियम इन इलाकों में भी लागू रहेगा। एमडीडीए ने इन सभी क्षेत्रों को फ्रंटलाइन एरिया के तौर पर चिन्ह्ति किया है। चीफ टाउन प्लानर शशि मोहन श्रीवास्तव के मुताबिक फ्रंटलाइन एरिया के आसपास 50 मीटर क्षेत्र में निर्माण पर रोक लगाई गई थी। बताया कि व्यावहारिक कारणों के चलते अब इसे 30 मीटर किया गया है। उन्होंने बताया कि भूकंप रेखा के निकटवर्ती क्षेत्रों में अधिकतम तीन मंजिला भवन ही बनाए जा सकते हैं।
 
 
 
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