कांग्रेस कार्यकारी समिति के सदस्य शशि थरूर इजरायल पर हमले को आतंकी कृत्य बताकर मुश्किल में फंसे

पीटीआई। कांग्रेस की कार्यकारी समिति के सदस्य शशि थरूर इजरायल पर सात अक्टूबर के हमले को आतंकी कृत्य बताकर मुश्किल में घिर गए हैं। उन्होंने हमास का जिक्र आतंकी संगठन के तौर पर किया। इसी ने सात अक्टूबर को इजरालय में हमला किया था। आलोचना होने पर उन्होंने स्पष्टीकरण में कहा कि वह हमेशा फलस्तीन के लोगों के साथ रहे हैं।

फलस्तीन एकजुटता रैली में क्या बोले शशि थरूर?

दरअसल, केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे (यूडीएफ) के प्रमुख घटक दल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) की ओर से गुरुवार को फलस्तीन एकजुटता रैली की गई थी। इसमें थरूर बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए और इजरायल पर सात अक्टूबर को हुए हमले को आतंकी कृत्य बताया। उनके इस बयान की इंटरनेट मीडिया पर हमास समर्थक समूहों और वामपंथी नेताओं ने तीखी आलोचना की।

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बयान की आलोचना के बाद शशि थरूर ने दी सफाई

इस पर थरूर ने स्पष्टीकरण में कहा कि वह हमेशा फलस्तीन के लोगों के साथ रहे हैं और वह आईयूएमएल की रैली में अपने भाषण के केवल एक वाक्य के प्रचार-प्रचार से सहमत नहीं हैं, जबकि मा‌र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता और पूर्व विधायक एम स्वराज ने आरोप लगाया कि थरूर की कुछ टिप्पणियां इजरायल समर्थक थीं। कांग्रेस सांसद यह स्वीकार नहीं कर पाए कि वह एक आतंकी राष्ट्र है।

वाम लोकतांत्रिक मोर्चा ने शशि थरूर पर साधा निशाना

वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) विधायक के टी जलील ने भी थरूर की आलोचना की और कहा कि उनके भाषण से ऐसा लगता है कि इजरायल समर्थक रैली थी। इधर, आईयूएमएल नेता पी के कुन्हालीकुट्टी ने रैली को लेकर विवाद पैदा करने की कोशिश करने वाले समूहों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि रैली से फलस्तीन के समर्थन में जनमत बनाने में मदद मिली और थरूर ने स्पष्ट कर दिया है कि वह फलस्तीनी लोगों के साथ हैं।

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