विदेश मंत्री एस जयशंकर गुट निरपेक्ष आंदोलन के दो-दिवसीय शिखर सम्मेलन में भारत का करेंगे प्रतिनिधित्व

पीटीआई। विदेश मंत्री एस जयशंकर शुक्रवार से युगांडा की राजधानी कंपाला में होने वाले गुट निरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के दो-दिवसीय शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। विदेश मंत्री जयशंकर युगांडा पहुंच गए हैं। विदेश मंत्रालय ने जयशंकर की युगांडा और नाइजीरिया की यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि भारत इस समूह के अग्रणी और संस्थापक सदस्यों में से एक के रूप में गुट निरपेक्ष आंदोलन के सिद्धांतों और मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध है।

120 से अधिक विकासशील देश हो रहे शामिल

विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि युगांडा के नेतृत्व में यह सम्मेलन 120 से अधिक विकासशील देशों को महत्वपूर्ण ऐतिहासिक महत्व वाले मंच पर एक साथ लाता है। विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन 21 और 22 जनवरी को कंपाला में होने वाले जी-77 तीसरे दक्षिण शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर 19 से 20 जनवरी को होने वाले गुट निरपेक्ष आंदोलन के 19वें शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।

जयशंकर की हुई मालदीव के विदेश मंत्री से बातचीत

बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को युगांडा में मालदीव समकक्ष मूसा जमीर से मुलाकात की। युगांडा की राजधानी कंपाला में जयशंकर और जमीर के बीच बैठक भारत के साथ मालदीव के द्विपक्षीय संबंधों में असहजता को लेकर हुई। बैठक की एक तस्वीर साझा करते हुए जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट किया, “आज कंपाला में मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से मुलाकात हुई। भारत-मालदीव संबंधों पर खुलकर बातचीत हुई। एनएएम से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हुई।”

मूसा जमीर ने रखी अपनी बात

वहीं एक्स पर एक पोस्ट में, जमीर ने कहा कि एनएएम शिखर सम्मेलन के दौरान जयशंकर से मिलना खुशी की बात थी। हमने भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी के साथ-साथ मालदीव में चल रही विकास परियोजनाओं को पूरा करने में तेजी लाने और सार्क और एनएएम के भीतर सहयोग पर चल रही उच्च स्तरीय चर्चा पर विचारों का आदान-प्रदान किया। हम अपने सहयोग को और मजबूत करने और विस्तारित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने भी इस मुलाकात की एक तस्वीर पोस्ट की।

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