मंगलवार को उत्तराखंड कैबिनेट ने उत्तराखंड हवाई संपर्क योजना 2024 को मंजूरी दे दी, जिससे अमृतसर, वाराणसी, अयोध्या, नेपाल और दुबई जैसे शहरों से उत्तराखंड तक सीधे हवाई सेवा शुरू हो सकेगी। इस योजना के अन्तर्गत, राज्य के भीतर भी सस्ती हवाई सेवाएं उपलब्ध होंगी।
मंगलवार को उत्तराखंड कैबिनेट ने उत्तराखंड हवाई संपर्क योजना 2024 को मंजूरी दे दी, जिससे अमृतसर, वाराणसी, अयोध्या, नेपाल और दुबई जैसे शहरों से उत्तराखंड तक सीधे हवाई सेवा शुरू हो सकेगी। इस योजना के अन्तर्गत, राज्य के भीतर भी सस्ती हवाई सेवाएं उपलब्ध होंगी।
दुर्गम क्षेत्रों तक कनेक्टिविटी
उत्तराखंड में 125 से अधिक हेलीपैड हैं, जो दुर्गम क्षेत्रों तक कनेक्टिविटी प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह योजना केंद्र की क्षेत्रीय संपर्क योजना और अंतरराष्ट्रीय संपर्क योजना की भांति लागू होगी और 31 मार्च 2029 तक चलेगी। इस योजना के तहत चयन मार्ग का मूल उत्तराखंड से होगा।
सरकार तय करेगी किराया
केंद्र की योजना उड़ान के तहत तो 80 प्रतिशत खर्च केंद्र और 20 प्रतिशत राज्य वहन करता है, लेकिन उत्तराखंड की योजना में 100 प्रतिशत खर्च राज्य सरकार ही वहन करेगी। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया, इस योजना को परवान चढ़ाने के लिए उनकी अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा, जो हवाई सेवाओं का किराया तय करेगी।
सरकार करेगी आपरेटरों को प्रोत्साहित और सरकारी सहायता
यूकाडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सी रविशंकर ने बताया, इस योजना के अंतर्गत, ऑपरेटरों को सरकार प्रोत्साहित करेगी और सरकारी सहायता भी उपलब्ध होगी। राज्य सरकार के हवाई अड्डों, हवाई पट्टी, हेलीपोर्ट, हेलीपैड़ पर उपयोगकर्ता विकास शुल्क और लैंडिंग व पार्किंग शुल्क में छूट दी जाएगी। इसके अलावा, राज्य सरकार की पुलिस और अग्निशमन सेवाएं भी निशुल्क होंगी। सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) को भी इस योजना के अंतर्गत हवाई सेवा शुरू करने के लिए सीधे अनुमति दी जाएगी। अन्य एजेंसियों को भी पायलट प्रोजेक्ट के तहत 12 महीने तक संचालन करने की अनुमति होगी।
इन शहरों के लिए सीधी उड़ाने
घरेलू
इस योजना के तहत अमृतसर, वाराणसी, और अयोध्या की हवाई सेवा उत्तराखंड से शुरू करने के लिए प्रस्ताव तैयार है। इसके अतिरिक्त, पिथौरागढ़-गाजियाबाद की हवाई सेवा को अब दिल्ली से शुरू करने की भी मांग है। भविष्य में अन्य राज्यों की भी हवाई सेवाएं शुरू की जाएंगी।
अंतर्राष्ट्रीय
इस योजना के अंतर्गत दुबई, काठमांडू समेत विभिन्न देशों की उड़ानें भी देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट से शुरू की जाएंगी। इसके लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है। साथ ही जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर कस्टम का ऑफिस खुलवाने का प्रस्ताव भी भेजा गया है।
योजना के संचालन और नियमन के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन होगा
योजना के संचालन और नियमन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उत्तराखंड यूएसीएस कमेटी का गठन किया जाएगा, जिसमें नागरिक उड्डयन के सचिव संयोजक होंगे। इसमें सचिव वित्त, सीईओ यूकाडा बतौर सदस्य होंगे। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के क्षेत्रीय निदेशक या हवाईअड्डा निदेशक के अलावा अन्य आमंत्रित सदस्य भी इसमें शामिल हो सकते हैं।
यह समिति विमानों के साथ सीटों के प्रतिशत का निर्धारण करेगी, जिस पर सरकारी सहायता मिलेगी। इसके अलावा, यह समिति किस मार्ग पर कितनी उड़ानें, कितनी समयावधि में होंगी, चयनित ऑपरेटरों के संचालन की निगरानी, शिकायतों का समाधान, निविदा का प्रकाशन और बोलियों की जांच व मूल्यांकन का काम भी करेगी।