पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर उत्तराखंड में निराश्रित गौवंश के लिए समावेशी नीति प्रबंधन का प्रस्ताव: सौरभ बहुगुणा

पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने शुक्रवार को विभागीय समीक्षा बैठक में हमारे पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर निराश्रित गौवंश के लिए समावेशी नीति के प्रबंधन का प्रस्ताव मांगा ।

11 जून को विधानसभा में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में ऊधमसिंह नगर में पशुपालन विभाग को आवंटित सरकारी भूमि पर गौसदनों का निर्माण कर पीपीपी मोड में गैर सरकारी पशुकल्याण संस्थाओं/धर्मार्थ संस्थाओं के द्वारा संचालित किये जाने का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने राजकीय अनुदान चयन समिति की बैठक में केन्द्रीय अधिनियम-पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के तहत दण्ड प्राविधानों के अति न्यून होने का संज्ञान लेते हुए कहा कि दण्ड प्राविधानों को वर्तमान समय के अनुरूप संशोधित किये जाने हेतु भारत सरकार को प्रस्ताव प्रेषित किया जाए। 

गन्ना किसानों को 75 प्रतिशत का होगा भुगतान

बैठक में प्रदेश के 35 गौसदनों में शरणागत 9286 गौवंश के लिए 83.33 लाख रुपये का भरण पोषण अनुदान आवंटित किये जाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि गन्ना किसानों का लगभग 75 प्रतिशत भुगतान किया जा चुका है। 50 करोड़ रुपये की एक और किश्त की मांग राज्य सरकार से की गई है। वर्तमान में गन्ना किसानों का 134 करोड़ का भुगतान अवशेष रह गया है, अवशेष भुगतान किये जाने की योजना बनाई जा रही है। सौरभ ने कहा कि केदारनाथ यात्रा के लिए घोड़े, खच्चर प्रमुख माध्यम हैं। पशु क्रूरता के संबंध में 09 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। वर्तमान में 6800 घोड़ों की जांच की गई है। 97 बीमार घोड़ों को यात्रा के लिए प्रतिबंधित किया गया है। पशु क्रूरता रोकने के लिए समिति गठित की गयी है। बैठक में पशुपालन, कौशल विकास, गन्ना विकास तथा दुग्ध विकास विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे

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