कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने “डैम सेफ्टी गवर्नेंस” की वर्कशॉप में सीएम धामी के प्रतिनिधि के रूप में की शिरकत

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने गुरुवार को नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजित केंद्रीय जल आयोग के माध्यम से भारत में “डैम सेफ्टी गवर्नेंस” पर आधारित एक कार्यशाला में सीएम पुष्कर सिंह धामी के प्रतिनिधि के रूप में प्रतिभाग किया।जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह चौहान ने की। आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा 14 दिसंबर 2021 को डैम सेफ्टी एक्ट, 2021 की अधिसूचना जारी की गई थी जोकि 30 दिसंबर 2021 से प्रभावी हो चुका है।

गुरुवार को नई दिल्ली में आयोजित कार्यशाला में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि ‘डैम सेफ्टी एक्ट’ का मुख्य उद्देश्य बांधों के उचित निरीक्षण, संचालन एवं रख-रखाव के द्वारा बांध के टूटने से उत्पन्न आपदाओं की रोकथाम हेतु एक संस्थागत ढांचा एवं तंत्र उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा इस कार्यशाला के दौरान डैम सेफ्टी एक्ट के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा गठित की जाने वाली कमेटी (NCDS) की गतिविधियों पर मंथन किया गया।

डैमों की सुरक्षा के लिए, नीतियों का करेगी निर्माण

यह कमेटी मुख्य रूप से डैमों की सुरक्षा के लिए आवश्यक नीतियों तथा नियमों की स्तुति करेगी। साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न राज्यों के विचारों एवं उपयोग की गई तकनीकों के आदान-प्रदान हेतु भी कार्य करेगी। इसके अलावा ये कमेटी प्रचलित डैम निर्माण, इनके संचालन गतिविधियों में परिवर्तन और पुराने हो रहे डैमो के पुनर्वास की आवश्यकता हेतु सुझाव भी देगी।

‘डैम सेफ्टी एक्ट’, 2021 की निर्धारित सीमा के अंदर उत्तराखंड ने पूरा किया काम

उन्होंने बताया कि डैम सेफ्टी एक्ट, 2021 धारा 11(2) के अनुसार समस्त राज्य सरकारों को अधिनियम में निहित प्रावधानों को लागू करने के उद्देश्य से एक्ट प्रभावी होने की तिथि से 180 दिन के भीतर (SCDS) और (SDSO) का गठन करना आवश्यक है। उत्तराखंड सरकार ने डैम सेफ्टी एक्ट, 2021 निहित प्रावधानों के अनुसार त्वरित कार्यवाही करते हुए 2 मई 2022 को State Committee on Dam Safety (SCDS) एवं State Dam Safety Organization (SDSO) का गठन तय सीमा के अंतर्गत काम पूरा कर दिया है।

‘हर खेत हर योजना’ की लागत बढ़ाने पर, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री का किया धन्यवाद

उत्तराखंड राज्य में वर्तमान में लगभग 30 मुख्य बांध हैं, कमेटी गठन के बाद राज्य में बांधों के उचित निरीक्षण, संचालन एवं रख-रखाव हेतु प्रभावी कार्यवाही तथा बांधों की सुरक्षा का उचित इंतजाम सुनिश्चित किया जा सकेगा। कार्यशाला के दौरान सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने ( PMKSY) ‘हर खेत को पानी योजना’ के अंतर्गत पूर्व गाइड लाइन ₹2.50 लाख प्रति हेक्टेयर लागत की सीमा को बढ़ाकर ₹ 4.00 लाख किये जाने पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का आभार व्यक्त किया। और उन्हे एक पत्र के माध्यम से प्रदेश में वर्ष 2010 एवं 2013 में आयी भीषण दैवीय आपदा के कारण ,उत्तराखंड में बनायी गयी कुल निर्मित 3069 नहरों में से जिन 300 से अधिक क्षतिग्रस्त नहरों को चालू नहीं किया जा सका उसकी भी जानकारी दी गयी। उन्होंने कहा कि पीएमकेएसवाई हर खेत को पानी योजना के अंतर्गत पर्वतीय राज्यों हेतु Surface Minor Irrigation Schemes के माध्यम से नहरों के पुनरुद्धार, जीर्णोद्धार, सुदृढ़ीकरण तथा विस्तारीकरण की योजनाओं की स्वीकृति प्रदान किए जाने हेतु मानकों में परिवर्तन या शिथिलीकरण किया जाए।

जमरानी बांध परियोजना पर शीघ्रता से हो सके काम

सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को एक अन्य पत्र भी सौंपा । जिसमे उन्होंने पत्र के माध्यम से उनसे अनुरोध किया है कि जमरानी बांध परियोजना पर शीघ्र कार्य प्रारंभ कराए जाने हेतु प्रस्तावित परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (वृहत सिंचाई) के अंतर्गत स्वीकृति प्रदान की जाये। ताकि राज्य को परियोजना का समय से लाभ प्राप्त हो सके।

ये लोग रहे मौजूद

कार्यशाला में जल शक्ति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, कर्नाटक के मंत्री गोविंद एम. करजोल, अरुणाचल के मंत्री मामा नटुंग, मेघालय के मंत्री प्रेस्टन तिनसोंग, गुजराज के मंत्री रुशिकेश गणेशभाई पटेल, बिहार के मंत्री संजय कुमार झा, गोवा के मंत्री सुभाष ए. शिरोडकर, उत्तर प्रदेश के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और तमिलनाडु सरकार के मंत्री थिरु दुरई मुरुगन आदि मौजूद थे।

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