सीएम को हराने का प्रायश्चित, खटीमा के 8 गांवों के ग्रामीण लेंगे जलसमाधि

 

उत्तराखंड में उपचुनाव का बिगुल बजते ही एक तरफ विपक्षी दल अपनी कमर कस रहे है। तो वही दूसरी ओर खटीमा के बाइसपुल मेल घाट में आठ गांवों के लोग मुख्यमंत्री को हराने के प्रायश्चित स्वरूप सांकेतिक जलसमाधि ले रहे हैं।

प्रदेश के मुखिया सीएम पुष्कर सिंह धामी ने 2022 में खटीमा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था। जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा। लेकिन हारने के बावजूद भी भाजपा आलाकमान ने उत्तराखंड में बहुमत से सत्ता में आयी बीजेपी की कमान एक बार फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपी है। जिसको कायम रखने के लिए सीएम धामी को उपचुनाव में जीत हासिल करनी आवश्यक है।

प्रदेश में उपचुनाव की घोषणा हो गयी है। जिसके लिए नामांकन भरने की अंतिम तारीख  11 मई और मतदान 31 मई को सम्पन्न होगा।

इस बार मुख्यमंत्री चंपावत से चुनाव मैदान में उतरे हैं। जिसके लिए बीजेपी से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने कांग्रेस ने निर्मला गहतोडी को मैदान मे उतारा है । गौर करने वाली बात ये है कि कांग्रेस के दिग्गजों के बीच भी कांग्रेस आलाकमान ने एक ऐसी महिला नेत्री को प्रत्याशी बनाया है। जो पिछले दो विधानसभा चुनावो मे टिकिट की मांग करती आ रही है

मगर उपचुनाव से ठीक पहले ही खटीमा के स्थानीय लोगों ने जलसमाधि लेने की घोषणा की है। उनका कहना है कि खटीमा से मुख्यमंत्री की हार हमारे कारण हुई है। जिसके लिए हम सात गांवों ऊंची बगुलिया, सिसैया,, बंधा, मेलाघाट, खेलड़िया, ख़ैरानी, झाउपरसा के ग्रामीणों ने प्रायश्चित के तौर पर जलसमाधि लेने का फैसला लिया है।

साथ ही उनका मानना है कि मुख्यमंत्री धामी हार के बाद से उनसे नाराज़ हैं जिसके चलते उनकी सुध तक लेने को तैयार नही हैं। इसलिए आज हमने सीएम को हराने का प्रायश्चित करने के लिये इस बाइस पुल नहर में सांकेतिक जल समाधि लेने की घोषणा की है।

आखिर जल समाधि क्यो?

आपको बता दें कि बगुलिया बंधा क्षेत्र लंबे समय से जल भराव की समस्या से जूझ रहा है।इसके साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें उनकी जमीन का मालिकाना हक भी मिलना चाहिए। दरअसल अपनी इन्हीं मांगों को मनवाने के लिए ग्रामीणों ने जलसमाधि को आगामी चुनावों से पहले सरकार से अपनी बात मनवाने का एक माध्यम बनाया है ।

अब देखना ये होगा की मुख्यमंत्री और सरकार इस पर कितना गौर करती हैं ।  

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